मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

शुभारम्भ

मित्रों,
       सभी जानते हैं कि मेरा ब्लॉग www.jagjitandgulzar.blogspot.com पिछले २ महीने से net पर उपलब्ध है, उसमें मैं बेहतरीन शायरी, ग़ज़ल, कविता इत्यादि सब के सम्मुख रखने का प्रयास कर रहा हूँ, परन्तु पिछले कुछ समय से मुझे लग रहा था कि साहित्य के अतिरिक्त भी जो विचार मेरे दिमाग में कौंध रहे है उन्हें में अपने दुसरे ब्लॉग में आप सभी के सामने प्रस्तुत करूँ, समाज में इतना कुछ घटित हो रहा है जिसे अनदेखा करके नहीं रहा जा सकता, उस पर मैं अपना दृष्टिकोण रखना चाहता हूँ, ये मेरे दिल की बात है जो हो सकता है आपकी दिल की भी हो। अभी चल रहा दौर परिवर्तन का दौर है, वक़्त भी शायद इतना तेज नहीं चल रहा जितना कि परिवर्तन।
       इस दौर में हमने विकास बहुत किया है, दुनिया एक नए रूप में किसी दुल्हन की तरह सुन्दर भी लग रही है परन्तु शायद उस विकास और सुंदरता की कीमत हमने प्राकृतिक, मानवीय और संवेदना के क्षरण के रूप में भी चुकाई है।  हमने उपलब्धियां बड़ी बड़ी हासिल की है, परन्तु ख़ुशी और स्वाभाविकता कहीं खो सी गयी है। कृत्रिम खुशियां खोजते खोजते हम छोटी-२ खुशियों को जाने कब अपनी जेब से गिरा चुके हैं, ये आभास भी नहीं कर पा रहे। वैसे कुछ सुखद परिवर्तन भी हुए है, ज़िन्दगी पहले की तुलना में बहुत आसान भी हुई है।
       इसी उतार चढाव भरे रस्ते पर ज़िन्दगी के सवाल - जवाब को टटोलने की कोशिश हम यहाँ करेंगे। ये तय है कि यहाँ कुछ पाना ही है, खोने के लिए यहाँ कुछ भी नहीं है। आज के लिए इतना ही। अगली बार कुछ टटोलने के लिए मिलेंगे।

                                                                                                                "  श्री लाल राठी "
       

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